कोई भी क्राइम tv में सबसे ज्यादा चर्चा में होने पर हर कोई चाहता है इसकी जांच हो तो राज्य सरकारों को पुलिस को जल्दी से रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया जाता है.
अगर पुलिस का जांच पर लोगो को भरोसा ना हो तो देश के हर कोने से cbi जांच की मांग उठने लगती है
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cbi क्या है ये तो सब लोगो को ही पता है पर cbi ki full form kya hai ये बहुत कम लोगो को पता है.
सीबीआई फुल फॉर्म हिंदी में क्या है इसका मतलब जानेंगे,
सीबीआई फुल फॉर्म इन इंग्लिश के बारे में भी बताएंगे इंग्लिश में क्या मतलब है और हिंदी में भी.
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english में cbi को कहने का मतलब समझ गए होंगे और हिंदी में इसका क्या मतलब है ये भी जान लीजिए.
cbi full form in hindi. cbi की फुल फॉर्म हिंदी में क्या बनता है तो हिंदी में इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो कहते है.
यह आपराधिक मामलों की जांच करने के लिए बनाई गई है कब बनाई, दफ्तर कंहा है ये भी बताएंगे.
cbi जांच क्या है और सीबीआई जांच कैसे होती है.
full form of cbi के बारे मे पता चल चुका है अब cbi क्या है और किसके अधीन है जांच कैसे होती है इसके बारे में विस्तार से जानेंगे.
cbi एक जांच एंजेसी है जो भारत सरकार के गृहमंत्रालय के अधीन होती है इसका हेड आफिस दिल्ली में है.
इसका गठन 1942 में विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के रूप में हुआ है. इनके सिदान्त निष्पक्षता ओर अखंडता से काम करना है.
यह हत्या धोटाले ओर भरस्टाचार जैसे अपराधों की जांच करने में सक्षम है.
यह देश अंदर ओर देश के बाहर भी जांच कर सकती है. जब कोई भी अपराध होता है तो पहले वंहा के राज्य की पुलिस जांच करती है चाहे घोटाला हो या अपराध. पुलिस से जांच पूरी ना होने पर सीबीआई को जांच का कार्यभार सौंपा जाता है.
जांच करने के बाद cbi उस रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करती है cbi देश की किसी भी कोर्ट में केश दायर कर सकती है और हर तारीक किसी भी कोर्ट में लड़ सकती है.
जैसे अपने देखा होगा हम कोई भी रिपोर्ट करते है तब अपने नजदीकी थाना क्षेत्र में करते है उस मुकदमे को थाना वाले कोर्ट में लेके जाते है इसी तरह भी सीबीआई का काम है.
cbi janch कौन करवाता है.
ये भी जान लीजिए सीबीआई की जांच कौन करवाता है. अगर किसी राज्य में कोई अपराध होता है तो वंहा की राज्य सरकार भारत सरकार के गृहमंत्रालय को रिपोर्ट करती है और cbi जांच की मांग करती है तो राज्य सरकार भी करवा सकती है.
कोर्ट में कोई मुकदमा जाता है अगर एक पक्ष पुलिस की जांच से संतुष्ट ना हो तो कोर्ट भी गृहमंत्रालय को जांच के आदेश जारी करती है.
अगर भारत सरकार किसी भी मामले की जांच चाहती है तो वह किसी पुलिस को नही बल्कि cbi को आदेश देती है मामले की जांच के.
फिर उसी मुकदमे को सीबीआई ही कोर्ट में मुकदमा लेके जाती है जैसे पुलिस चालान करते है किसी आदमी के तो कोर्ट में चालान पेश करते है वैसे ही cbi भी पेश करती है.
cbi full form in hindi यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो को 1965 में केंद्रीय कानूनों के उलंघन की जांच के अधिकार भी प्राप्त हुऐ.
cbi का वार्षिक बजट 802. 20 करोड़ है. इसका निदेशक आईपीएस अधिकारी होता है इसका वर्तमान निदेशक आईपीएस ऋषि कुमार सुक्ला है.
जब किसी भी राज्य में जांच होती है तो कुछ cbi के अधिकारी और कुछ वंहा के राज्य के अधिकारी होते है और किसी से भी पूछताछ करनी होती है तो 3 या 4 तरीको से पूछताछ करते है अगर कोई जांच में सहयोग नही करता तो उस राज्य की पुलिस को गिरफ्तार करने के आदेश देते है और पुलिस गिरफ्तार करके cbi के पास लेके जाती है.
cbi उसके साथ कंही गेस्ट हाउस या कोई सरकारी दफ्तर में पूछताछ करती करती है पूछताछ कितने भी घण्टे कर सकती है.
मान लीजिए किसी के घर पर सीबीआई के छापे पड़ते है तब उस घर के सभी मेंबर से अलग अलग और अलग जगह पर बैठाकर cbi जांच करती है कितनी बार ही पूछताछ कर सकती है.
अगर जिस क्राइम के बारे में जांच करती है तो उससे अलग कोई और क्राइम की हां भर लेता है तो उस राज्य की पुलिस को अलग मुकदमा करने के लिए कहती है फिर वह मुकदमा अलग से चलता है और जिस काम के लिए cbi जांच करती है वह जांच जारी रहती है.
ऐसा ही मुकदमा कुछ दिन पहले मुंबई में आया था और मीडिया की हैडलाइन बन गई थी . उसमे किसी ने आत्महत्या कर ली थी उसके घर वालो ने उसे हत्या की आसंका बताया था मुकदमा कर दिया कोर्ट में, मुंबई पुलिस पर भरोश नही किया.
कोर्ट ने उसे सीबीआई जांच के आदेश फिये, cbi जांच सुरु हुई थी.
हम आपको बतादे cbi जिस तरह की वारदात होती है उसी तरह का ट्रायल भी करती है ताकि पता चले वाक्य में क्राइम इसी तरह हुआ है या नही तो उन्होंने उस व्यक्ति के वजन का एक पुतला बनाया और उसी रसी से ट्रायल किया रसी टूटती है या नही तो इस तरह के मुकदमे को उसी तरह ट्रायल किया जाता है.
जांच पूरी होने पर कोर्ट में cbi ही मुकदमा लेके जाती है ये हम पहले ही आपको बता चुके है.
cbi को अपने क्षेत्र के अंदर जांच करने के लिए अन्य राज्य सरकारों की सहमति की आवश्यक्ता की जरूरत होती है और यह सहमति दिल्ली की स्पेशल पुलिस इस्टेबलिशमेंट एक्ट की धारा 6 के तहत एक सामान्य सहमति के रूप में हो सकती है.
एक बार सहमति मिलने के बाद cbi सभी तरह के अपराध और ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थ जैसे मामलों की जांच कर सकती.
भारत के राज्यो ने अपने राज्य के अंदर सभी प्रकार के अपराधों की जांच के लिए cbi को सामान्य सहमति प्रदान की है.
cbi ki full form हिंदी में केंद्रीय जांच ब्यूरो है और इंग्लिश में central bureau of investgetion है .
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cbi की full form के बारे पता चल गया होगा, cbi की फुल फॉर्म हिंदी में भी बता दिया केंद्रीय जांच ब्यूरो है क्या काम करती है इसका भी पूरी तरह विश्लेषण किया है
हमने आपको कुछ अपराधों के बारे में बताया है इसके इलावा बहुत से अपराधों की जांच करने के लिए cbi का गठन किया गया इसको विशेष पुलिस माना जाता है जो भारत सरकार के अधीन आती है.
cbi क्या है ये हमने आपको बता दिया है. पोस्ट में कुछ पढ़ा है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करे और कमेंट करके अपना कोई भी सुझाव दे सकते है.
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