जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
एक संत दयावंत चार बंध धारी
माँ के सिंदूर सोहे मूस की सवारी।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
पान चढे और चढे मेवा
लड्डू का भोग लगे संत करें सेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
अंजनी को आंख को कोढ़िन को काया
बंजन को दियात निर्धन को माया।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
सुर श्याम शरण बने सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखें शंभु सुतकारी
तमन्ना को पूरा करो जाऊं बलिहारी।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।
गणेश जी की आरती हिंदी में लिखी गई है
गणेश जी की आरती हिंदी में लिखी गई है। घर में कोई शादी हो या कुछ और शुभ काम हो तो गणेश जी को याद करना होता है कंयोकि हिंदू गर्न्थो के अनुसार कोई भी काम सफल नहीं होता।
यंहा तक कि कोई सत्संग होता है तो भी गणेश जी की सबसे पहली महिमा आरती होती है फिर सत्संग सुरु की जाती है। गणेश चतुर्थी को गणेश महाराज की विशेष पूजा होती है गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे भारत में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है।
गणेश महाराज को वरदान दिया हुआ है जब कोई भी सुभ काम सुरु होगा तो आपको याद करना होगा तभी काम सफल होगा यह वरदान भगवान शंकर ने दिया था आपको पता होगा भगवान शंकर के दो बेटे थे कार्तिक ओर गणेश जी जब भगवान शंकर ने दोनों को कहा था धरती के चारो ओर चक्कर लगाओ कौन सबसे पहले लगाके आता है कार्तिक चक्कर लगाने के लिए चल पड़े और गणेश जी ने भगवान शंकर के चारो ओर चक्कर लगाकर खड़े हो गए कार्तिक का इंतजार करने लगे।
कार्तिक आ गए उससे पहले गणेश वन्ही मिले तो भगवान शंकर ने उनसे पूछा आप कह्यो नही गए गणेश जी ने कहा भगवान शंकर ने कहा आप ही सबसे बड़े रचयिता आपसे बड़ा कोई नही तब मैंने आपके चारो ओर चक्कर लगाया तब भगवान शंकर ने गणेश जी वरदान दिया कोई भी सुभ काम करेगा तो सबसे पहले आपको याद करवा तभी उसका काम सफल होगा उसके बाद सबसे पहले गणेश की पूजा करने लगे।
जय गणेश जी की आरती लिरिक्स हिंदी में
गणेश जी की आरती हिंदी में लिखी गई है कोई भी काम सुरु करने से पहले गणेश जी की आरती करें ताकि काम सफल हो जाए। हिन्दू धर्म में कोई काम सुरु होता है तो उससे पहले गणेश भगवान को याद किया जाता है।
गणेश भगवान को विवाह में सबसे पहले याद किया जाता है, इसके हर सुभ काम में भी गणेश जी की आरती की जाती है। भगवान गणेश को याद तेजी से बिना कोई काम सुरु नहीं होता। ये भी कहते हैं भगवान गणेश की पीठ को कभी नहीं देखनी चाहिए हमेशा मुंह को सबसे सुध माना जाता है।
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