बजरंग बाण लिखित में अर्थ सहित हिन्दी में | घर में हो कोई भी परेशानी बजरंग बाण का पाठ करने से तुरंत समाधान मिलेगा
बजरंग बाण लिखित में अर्थ सहित .
बजरंग बाण भगवान श्री हनुमान जी की स्तुति का एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावी स्तोत्र है। इसे गोस्वामी तुलसीदास जी ने रचा था। यह पाठ उन भक्तों के लिए विशेष लाभकारी है जो जीवन में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, भय, संकट या शत्रुओं से परेशान हैं। बजरंग बाण का नियमित पाठ करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और आत्मबल प्राप्त होता है।
इस लेख में हम बजरंग बाण का संपूर्ण पाठ देंगे और प्रत्येक पंक्ति का विस्तृत अर्थ समझाएंगे, ताकि पाठक इसे समझकर श्रद्धा और भक्ति से इसका जाप कर सकें।
बजरंग बाण संपूर्ण पाठ और अर्थ
॥ दोहा ॥
निश्चय प्रेम प्रतीत ते, विनय करें सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करें हनुमान॥
अर्थ:
जो भी भक्त प्रेम और श्रद्धा से हनुमान जी की स्तुति करता है, उसका हर कार्य सफल होता है। श्री हनुमान जी अपने भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करते हैं।
॥ चोपाई ॥
जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
अर्थ:
हे हनुमान जी! आप संतों के हितकारी हैं। कृपया हमारी प्रार्थना को सुनिए और हमें कष्टों से मुक्ति दिलाइए।
जैसे कूदि सिंधु महि पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा॥
अर्थ:
जिस प्रकार आपने समुद्र को छलाँगकर पार किया और सुरसा के मुख में प्रवेश करके उसे पराजित किया, वैसे ही हमारी भी हर समस्या को दूर कीजिए।
आगे जाई लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका॥
अर्थ:
लंका के प्रवेश द्वार पर राक्षसी लंकिनी ने आपका रास्ता रोका था, लेकिन आपने उसे एक ही प्रहार में पराजित कर स्वर्ग भेज दिया। वैसे ही हमारे मार्ग में आने वाले हर विघ्न को समाप्त करें।
जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥
अर्थ:
आपने भक्त विभीषण को राज्य प्रदान किया और माता सीता से मिलकर परम आनंद प्राप्त किया। हमें भी सुख और समृद्धि का आशीर्वाद दें।
शत्रु नाश और संकट हरण हेतु स्तुति
बिजय मंत्र हरि सानिधि पायो। मंत्र जपे जब वानर धायो॥
अर्थ:
श्री राम के विजय मंत्र से आप परम शक्तिशाली बने। हम भी आपकी स्तुति करें ताकि हमारी समस्याएँ समाप्त हों।
महा बीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी॥
अर्थ:
हे महावीर! आप अपार पराक्रमी और शक्तिशाली हैं। कृपया हमारी बुरी बुद्धि को नष्ट कर हमें सद्बुद्धि प्रदान करें।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई॥
अर्थ:
हे हनुमान जी! आपकी माता अंजनी आपके लिए आरती उतारती हैं, कृपया हमें भी अपनी कृपा का पात्र बनाइए।
॥ दोहा ॥
चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा॥
अर्थ:
आपका पराक्रम चारों युगों में प्रसिद्ध है। संपूर्ण संसार में आपकी महिमा व्याप्त है।
साधु संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे॥
अर्थ:
आप संतों के रक्षक और असुरों के संहारक हैं। आप श्री राम के अत्यंत प्रिय भक्त हैं।
बजरंग बाण का लाभ और विशेषता
- शत्रु नाश – यदि कोई व्यक्ति अपने शत्रुओं से परेशान है तो नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ करने से उसे राहत मिलती है।
- संकट हरता – जीवन में किसी भी संकट, परेशानी, भय या चिंता से मुक्ति के लिए यह पाठ अत्यंत प्रभावशाली है।
- नकारात्मक ऊर्जा से बचाव – हनुमान जी की कृपा से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और सकारात्मकता का संचार होता है।
- कार्य सिद्धि – बजरंग बाण का पाठ करने से रुके हुए कार्य पूरे होते हैं और व्यक्ति के जीवन में सफलता मिलती है।
- भय और आत्मविश्वास – यह पाठ व्यक्ति के आत्मबल को बढ़ाता है और भय को समाप्त करता है।
कैसे करें बजरंग बाण का पाठ ?
- प्रतिदिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- श्री हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएँ।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें और फिर श्रद्धा सहित बजरंग बाण का पाठ करें।
- पाठ के बाद भगवान को गुड़-चना या बूंदी का प्रसाद अर्पित करें।
- मंगलवार और शनिवार को इस पाठ का विशेष महत्व होता है।
बजरंग बाण के विशेष लाभ
1. शत्रु नाशक
यदि कोई व्यक्ति अपने शत्रुओं से परेशान है या किसी प्रकार की बाधा का सामना कर रहा है, तो बजरंग बाण का पाठ करने से उसकी सभी समस्याएँ समाप्त हो जाती हैं।
2. भय एवं नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति
बजरंग बाण का पाठ करने से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, भूत-प्रेत बाधा, बुरी नज़र और भय समाप्त हो जाते हैं।
3. मनोकामना पूर्ति
जो भी भक्त श्रद्धा से बजरंग बाण का पाठ करता है, उसकी सभी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं।
4. आत्मबल और ऊर्जा में वृद्धि
हनुमान जी के आशीर्वाद से मनुष्य में आत्मविश्वास और शक्ति का संचार होता है। यह पाठ मानसिक एवं शारीरिक बल को बढ़ाता है।
बजरंग बाण पाठ करने की विशेष विधि
1. सही दिन और समय:
- मंगलवार और शनिवार को बजरंग बाण का पाठ करना विशेष रूप से लाभकारी होता है।
- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) या संध्या समय पाठ करना श्रेष्ठ माना जाता है।
2. पूजन विधि:
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान में हनुमान जी की मूर्ति या चित्र रखें।
- एक दीपक जलाएँ और हनुमान जी को चोला अर्पित करें।
- हनुमान चालीसा और फिर श्रद्धापूर्वक बजरंग बाण का पाठ करें।
- पाठ के बाद हनुमान जी को गुड़-चना, बूंदी या तुलसी दल अर्पित करें।
- बजरंग बाण पाठ से जुड़ी सावधानियाँ
- इसे किसी को क्षति पहुँचाने के उद्देश्य से न करें, बल्कि अपने संकट निवारण हेतु करें।
- पाठ करते समय मन को पूर्ण रूप से एकाग्र करें।
- किसी भी प्रकार की बुरी भावना न रखें।
- हनुमान जी को कभी भी तामसिक भोजन का भोग न लगाएँ।
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